अलग अलग चार्जर से फ़ोन को चार्ज करने के लिए अलग समय लगता है
. कुछ इस तरह समझ लीजिए कि जैसे हर फ़ोन बराबरनहीं होता, चार्जर की भी कुछ वैसी ही कहानी है।
.मसलन, Qualcomm का दावा है कि उसकेक्विक चार्ज टेक्नोलॉजी से फ़ोन को आप 75 फीसदी तक जल्दी चार्ज कर सकते हैं।
.क्विक चार्ज 2.0 का दावा है कि 3300 एमएएच की बैटरी को जीरो से 60 फीसदी तक चार्ज सिर्फ 30 मिनट में किया जा सकता है।
. क्विक चार्ज 1.0 को साठ प्रतिशत चार्ज देने में एक घंटा लगता है।
.एप्पल के आइफ़ोन-6 का जो चार्जर है अगर उसकी जगह आप आइपैड का चार्जर लगाएँ तो फ़ोन जल्दी चार्ज हो जाता है।
.चार्जर में तार की भूमिका भी काफी अहम होती है और जो तार आप अपने फ़ोन के लिए इस्तेमाल करते हैं उस पर लगभगसब कुछ निर्भर करता है।
.यूएसबी केबल का खेलये तार से तय होता है कि डिवाइस की बैटरी 100 फीसदी पहुंचने में कितना समय लगेगा इसीलिए जो साधारण तार है उससे चार्ज करने पर बहुत समय लगता है।
.यूएसबी केबल भी कुछ चार्जर की तरह हैं, सब बराबर नहीं होते हैं।
. जो चार्जर आपके फ़ोन के साथ दिया गया हैअगर आप उसका इस्तेमाल करेंगे तो बैटरी की चार्जिंग की रफ़्तार बहुत बढ़िया रहेगी।
.अगर आपके पास अपने फ़ोन को लैपटॉप सेचार्ज करने और बिजली से ही चार्ज का विकल्प है तो पावर प्वाइंट से चार्ज करना बेहतर होता है।
.फ़ोन चार्ज करते समय अगर आप कोई गेम खेलेंगे, वीडियो देखेंगे तो ज़ाहिर है उसको चार्ज करने की रफ़्तार काफी धीमी हो जाएगी।
.अगर आपकी बैटरी की खपत काफी ज़्यादा है तो बाजार में स्मार्टफोन के लिए एक्सटर्नल बैटरी पैक आसानी से मिल जाता है और फ़ोन के साथ फिक्स हो जाता है।
.एक्स्ट्रा चार्ज के लिए ऐसे बैटरी पैक काफ़ी कारगर होते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें