हाल ही में एक नया भविष्य बताने वाला ऐप सामने आया है। 'गूगल फॉर्च्यून टेलिंग' नाम का यह ऐप दावा करता है कि इसपर आप अपने भविष्य से जुड़ा जो सवाल पूछना चाहें पूछ सकते हैं, यह उसका जवाब देगा।
लेकिन जब इसके सर्च बॉक्स में सवाल टाइप करने लगते हैं, तो यह आपको 'Will humans ever stop fighting', 'Is there a place where they will accept me' जैसे सवाल दिखाता है।इनमें से एक सवाल चुनने के बाद जब आप 'प्रिडिक्ट माई फ्यूचर' पर क्लिक करेंगे तो यह जवाब के लिए आपको रीडायरेक्ट करेगा।
लेकिन, सवाल का जवाब न देते हुए, यह आपको एक पेज पर ले जाएगा जिसपर उन 6 करोड़ रेफ्युजियों की कहानी होगी जो बेघर होकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।अगर आपने गौर किया हो, तो इसका यूआरएल http://betagoogle.com/ बनता है और यह एक 'नकली गूगल साइट' है।
इसपर गूगल के नए लोगो को कॉपी कर यूजर्स को चकमा देने की कोशिश की गई है। और गूगल के होमपेज की हूबहू नकल तैयार की गई है। पहले गूगल क्रोम से यह वेबसाइट खुल रहीथी। लेकिन अब इसे खोलने की कोशिश करने पर गूगल फिशिंग अटैक की चेतावनी दे रहाहै।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीदरलैंड की क्रिएटिव कम्युनिकेशन एजेंसी ब्रेनमीडिया ने इस साइट के पीछे अपनी भूमिका को स्वीकार किया है। यह साइट यूनाइटेड नेशन्स रेफ्युजी एजेंसी UNHCR के डोनेशन पेज से जाकर जुड़ती है।
गौरतलब है कि सीरिया, अफगानिस्तान, यमन, ईराक और लीबिया जैसे युद्ध प्रभावित देशों से बड़ी संख्या में माइग्रेशन जारी है और देश छोड़कर जा रहे लोग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता के भंवर में फंसे हुए हैं।
हालांकि यह कैम्पेन गूगल के नाम पर गलततरीके से चलाया गया है, लेकिन यह वेबसाइट यूजर्स को अपना वक्त या पैसा चैरिटी में देकर इन रेफ्युजियों की मदद की गुहार लगा रही है। यह लोगों से फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से दूसरे लोगों को इसकी जानकारी देने की गुजारिश भी कर रही है।
नवभारत टाइम्स से
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें