बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

अब डस्टबिन से निकलेगा Free WiFi, बस कूड़ा फेंकने की देर

कूड़ा फेंकने पर गजब का ईनाम

भारत में स्वच्छता को लेकर कई अभियान चलाए जाते हैं। लोगों से कूड़ा कूड़ेदान में ही डालने को कहा जाता है। कुछ पर इस बात का असर पड़ता है तो कुछ ये सोच कर छोड़ देते हैं कि 'क्या फर्क पड़ता है'।

लेकिन अब फर्क पड़ेगा और आपका फायदा भी होगा।मुंबई के दो व्यापारियों पर कूड़े और गंदगी का ऐसा असर पड़ा कि कूड़े के बदले फ्री WiFi देने वाली डस्टबिन ही बना डाली।

नई कंपनी थिंकस्क्रीम के फाउंडर राज देसाई का कहना है कि भारत में लोगों को नियम तोड़ने का शौक है और इसी बात से तंग आ कर उन्हें ये आइडिया सूझा। राज और उनके साथी प्रतीक अग्रवाल ने सोचा कि क्यों न लोगों को कूड़ा सही जगह फेंकने पर ईनाम दिया जाए।

Amarujala में छपी खबर के मुताबिक थिंकस्क्रीमने ये प्लास्टिक डस्टबिन बनाया है। ये साढ़े चार फीट ऊंचा है और इसमें एक LED Screen भी लगी है।जैसे ही इसमें कोई कूड़ा फेंकता है, स्क्रीन पर एक खास कोड दिखता है जिसके जरिए 15 मिनट तक मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ये 50 मीटर के दायरे में काम करेगा औऱ इस कूड़ेदान की कीमत 1 लाख करीब है।

थिंकस्क्रीम ने एक स्थानीय टेलीकॉम कंपनी के साथ साझेदारी करके इस तरह की 6 डस्टबिन बनाईं और 2014 के संगीत फेस्टिवल में लगा कर इसकी शुरुआत की।यह प्रोडक्ट मुबंई के 60 सिनेमाघरों में भी लगाया गया है ताकि लोग अपनी सीट पर बैठ कर हीखाना ऑर्डर कर सकें। इन्होंने कई म्यूजिक फेस्टिवल आयोजकों से भी बात की है ताकि इन समारोह में लोगों को आसानी से वाई-फाई मिल सके।

तो इस तरह मिला कूड़ादान बनाने का आईडिया

राज ने बताया कि उन्हें स्मार्ट डस्टबिन बनाने का आईडिया पहली बार बैंगलोर संगीत फेस्टीवल 2013 में आया। वो बताते हैं,''इतनी भीड़ में मैं और प्रतीक खो गए थे और एक दूसरेसे अलग हो गए थे उसी वक्त हमें अहसास हुआ कि कुछ ऐसा बनाने की जरूरत है जिससे लोग इस तरह के समारोह में आपस में जुड़े रहें।''

बस इसी तरह प्रतीक और राज ने ऐसा कूड़ादान बनाया जिसमें कूड़ा फेंकते ही लोगों को 15 मिनट का मुफ्त WiFi मिलेगा।

आगे इनका प्लान है कि screen पर किसी सेलेब्रिटी की शक्ल दिखाने का। जब तक आप कूड़ा नहीं फेकेंगे उनकी शक्ल गुस्से में रहेगी औऱ कुड़ा फेंकते ही वे मुस्कुरा देंगे।राज औऱ प्रतीक को उम्मीद है कि इस तरह लोगों में बदलाव आएगा और वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। वे चाहते हैं कि जल्द ही पूरे देश में उनका ये उत्पाद लग सके और सफाई बनाई रखी जा सके।

Amarujala..............

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