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रविवार, 14 फ़रवरी 2016

अब bettary को लेकर परेशान न रहे

अक्सर smartphone यूजर इसकी bettary को लेकर काफी परेशान रहते हैं। whatsapp और इस जैसे अनेक apps के कारण यूजर को phone की bettary बार-बार चार्ज करनी पड़ती है जो एक समस्या बन जाती है।

लेकिन अब इस समस्या का हल निकाल लिया गया है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों की टीम ने अब एक एेसी तकनीक का आविष्कार किया है जिससे phone को बार-बार चार्ज करने के झंझट से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।

इस तकनीक से चलने वाले फोन की बैटरी एक हफ्ते तक चलेगी।इंटेलीजेंट एनर्जी नामक 27 साल पुरानी ब्रिटिश टेक कंपनी ने इस तकनीक के लिए एक उभरते स्मार्टफोन मेकर से अनुबंध किया है।

इस तकनीक से बनने वाले फोन की बैटरी लिथियम आयन के बजाय हाइड्रोन फ्यूल सैल तकनीक पर काम करेगी। यह बैटरी एक चार्ज में पूरा हफ्ता चलेगी।

हाइड्रोन फ्यूल सैल हाइड्रोजन आैर आॅक्सीजनकी रसायनिक क्रिया से इलैक्ट्रिक करंट आैर पानी बनाता है जिससे स्मार्टफोन की बैटरी चलती है।

सोमवार, 4 जनवरी 2016

ऐसी बेट्री जिसमे न विस्फोट होगा और न ही जलेगी

वैज्ञानिकों ने ऑल-सॉलिड-स्टेट लीथियम बैट्री विकसित करने के नए तरीके की तलाश की है।

ऐसी बैट्री में न तो आसानी से विस्फोट और न ही जलने का खतरा होगा। इसमें ठोस इलेक्ट्रोलाइट को गलाया जाएगा और उस गले हुए इलेक्ट्रोलाइट से इलेक्ट्रोडों पर चारों तरफ से परत चढ़ाया जाएगा।

कार्बनिक तरल इलेक्ट्रोलाइट मुख्य रूप से मौजूदा लीथियम-आयन बैट्रियों में प्रयोग किया जाता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा बैट्री की विशेषता असानी से गैस बननाया उसमें आग लगना है। इसलिए ऑल-सॉलिड-स्टेट लीथियम बैट्री अब आकर्षित कर रही हैं।चूंकि ये ज्वलनशील नहीं हैं इसलिए आसान विकल्प हैं।

पाउडर जैसे ठोस इलेक्ट्रोलाइट, तरल इलेक्ट्रोलाइट की तरह आरपार नहीं होते हैं। यदि इलेक्ट्रोलाइट और सक्रिय इलेक्ट्रोड सामग्री के बीच संपर्क नहीं हो पाए तो लीथियम-आयन को इलेक्ट्रोड की तरफ गतिशील होने में कठिनाई होगी।

समस्याओं का समाधान होने के बाद वैज्ञानिक यून सेओक जंग और सेंग एम ओह ठोस इलेक्ट्रोलाइट से सक्रिय सामग्री पर परत चढ़ाएंगे।

नईदुनिया.......