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मंगलवार, 24 मई 2016

एक ओर कंपनी ने किया 99 रुपए वाले smartphone का दावा

यहां की एक कंपनी नमोटेल ने सबसे सस्ता smartphone लॉन्च करने का दावा किया है। इसकी कीमत सिर्फ 99 रुपए बताई गई है। ग्राहकों को डिलीवरी के लिए अलग से चार्ज देने होंगे। फोन की कैश ऑन डिलीवरी होगी। कंपनी के प्रोमोटर माधव रेड्डी का दावा है कि यह विश्व का सबसे सस्ता smartphone है।

हालांकि बड़ी संख्या में लोग इस दावे को संदेह की नजर से देख रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनी की site यूजर्स को कहीं और डायवर्ट कर देती है जहां निजी जानकारी मांगी जाती है, जिसका दुरुपयोग होने का खतरा है।
 
यहाँ booking करें smartphone

ये हैं खूबियां

*.कंपनी का दावा है कि 3जी नेटवर्क वाले इस फोन में 4 इंच का डिसप्ले है। Android Lolipop 5.1 ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले इस फोन में 1.3 गीगाहर्ट्ज का क्वाडकोर प्रोसेसर और 1जीबी रैम है।

*.smartphone की बुकिंग 17 मई से 25 मई के बीच शुरू होगी। 2016 में शुरू हुई है कंपनी website के मुताबिक बेंगलुरु में हेडक्वाटर वाली ये कंपनी इसी साल शुरू हुई ह

*smartphone बनाने वाली इस कंपनी की चेकआउट टेक्नोलॉजी पेरेंट कंपनी है। कंपनी की मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली और चेन्नई में ऑफिस खोलने की योजना है।

251 के स्मार्टफोन पर हो चुका है विवाद

हाल में रिंगिंग बेल्स नाम की कंपनी ने फ्रीडम 251 नाम से 251 रुपए में फोन लॉन्च किया था। बाद में ये कंपनी विवादों में फंस गई और इसके खिलाफ सरकार ने जांच शुरू कर दी। स्मार्टफोनकी डिलीवरी भी नहीं की गई।

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भूलकर भी न करें whatsapp पर आए इस massage को click

Whatsapp यूजर्स के बीच एक massage आ रहा है, इसके तहत कहा गया है कि आपको अपना whatsapp गोल्ड वर्जन पर अपग्रेड करना चाहिए।

ज्यादातर लोग whatsapp gold version का इस्तेमाल करना चाहते हैं क्योंकि इस वर्जन में बेहतरीन फीचर्स बताएं जा रहे है, लेकिन सबसे पहले जानना जरूरी है कि आखिर whatsapp gold है क्या।

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Whatsapp gold के लिए ऐसा मैसेज मिल रहा है

यूजर्स को जो मैसेज मिल रहे है उनमें लिखा है कि whatsapp का golden version लीक हो चुका है और इसे केवल प्रमुख बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है, लेकिन अब आप भी इसका उपयोग कर सकते है। इस गोल्डन वर्जन के फीचर्स में video calling, गलती से भेजे गए मैसेज को डिलीट करना, free calling, थीम चेंज और एक साथ 100 photos भेजने जैसे ऑप्शन शामिल हैं।

Whatsapp gold को केवल invite के द्वारा install किया जा सकता है और मैं इस मैसेज के द्वारा आपको invite भेज रहा हूं।

Whatsapp gold को install करने के बाद आपका हरा वाला आइकन गोल्डन हो जाएगा और आप इन सभी फीचर्स को सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे।

Whatsapp gold को active करने के लिए 'www.goldenversion.com' link पर क्लिक करना होता है।

मैसेज की असलियत

अगर आपको भी ऐसे मैसेज मिल रहे हैं तो संभल जाए क्योंकि ऐसे मैसेज मात्र एक अफवाह है। दरअसल whatsapp ने ऐसा कोई version तैयार नहीं किया। video calling फीचर भी whatsapp लाने वाला था, लेकिन अभी उसके लिए कोई update नहीं आया।

क्लिक न करें link

जैसे ही आप गोल्डन वर्जन के लिए दिए गए link पर क्लिक करते हैं तो एक 404 एरर पेज खुलता है। हो सकता है कि हैकर्स ऐसा करके यूजर्स की निजी जानकारियां चुरा रहें हो। दिए गए link पर क्लिक करने से whatsapp upgrade तो नहीं मिलता बल्कि एक खास तरह का Apps Download हो जाता है और इसके कारण संभव है कि यह apps आपके फोन का पूरा कंट्रोल हैकर्स के हवाले कर देता हो।

ऐसे बचें

*.इस फेक apps के कारण Android smartphone ब virus की गिरफ्त में आ चुके है। गलती से जिन यूजर्स ने इसे install कर लिया है वह फौरन इसे हटाकर कोई ऑथेंटिक एंटी-वायरस app install करें और ध्यान रखें कि वह app Google play store से ही download किया जाना चाहिए।
*.whatsapp golden version वाले मैसेज आपको आएं तो उन्हें बिल्कुल भी न खोलें और बिना खोलें ही तुरंत डिलीट कर दें।

*.बिना विचार किए कोई भी मैसेज फॉरवर्ड न करें।

whatsapp     Yahoo Email

बुधवार, 6 अप्रैल 2016

यूजर के Call and Message को कोड में बदल देगा whatsapp

Whatsapp यूजर के call and message को पूरी तरह से कोड में बदलने की तैयारी कर रहा है। इस कदम से उसके करीब एक अरब यूजर  के tax message and voice call को हैकरों और सरकारों से सुरक्षित रखा जा सकेगा।

Whatsapp के संस्थापक जेन कूम ने कंपनी के blog में कहा है कि हमारी कंपनी आपके डाटा और सूचना को जहां तक संभव हो सके सुरक्षित रखने को हमेशा प्राथमिकता देती है।

हमने एक ऐसी technology विकसित की है जो whatsapp को आपकी निजी सूचना की सुरक्षा करने में अग्रणी बनाता है।इस तकनीक से whatsapp प्लेटफार्म पर भेजे जाने वाले सभी call, message, photo, video, file, voice message and group chat शुरू से अंत तक अपने आप कोड में बदल जाएंगे। कोई इसे देख नहीं सकता।

कंपनी ने यह घोषणा यूजर की निजता सुरक्षित रखने को लेकर iPhone बनाने वाली कंपनी Apple और एफबीआई की कानूनी लड़ाई के बाद की है। एफबीआई ने एपल से मोबाइल के लॉक हटाने में मदद करने को कहा है।

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नई दुनिया..........

गुरुवार, 31 मार्च 2016

Google के camera app से तस्वीर खींचते ही मिल जाएगी उससे जुड़ी सभी जानकारी

Internet की दिग्गज कंपनी Google अपने Android डिवाइसों के ऑफिशियल camera app में नई सुविधा देने जा रही है।

कंपनी अपने camera app को Google गॉगल से जोड़ देगी। यानी कि कोई तस्वीर खींचते ही उससे जुड़ी सभी जानकारी आपको तुरंत मिल जाएगी।

अगमेंटेट रियल्टी की तरह करेगी काम

रिपोर्ट के मुताबिक, Google ने camera app के एक नई सुविधा जोड़ दी है। हालांकि यह फंक्शन कोई नया नहीं है, क्योंकि सर्च इंजन Google पहले से ही Google Goggles का प्रयोग करती आ रही है। Google Goggles एक अगमेंटेट रियल्टी एप है जो यूजर्स को तस्वीर खींचकर उसके बारे में सर्च करने की सुविधा देती है।

Google Goggles फिलहाल अंग्रेजी, फ्रेंच, इटालियन, जर्मन, स्पैनिश, पोर्टगुइज, रूसी और तुर्की भाषाओं को पढ़ सकता है साथ ही उसे अन्य लैंग्वेजेस में ट्रांसलेट भी कर सकता है। वहीं इसका इस्तेमाल बारकोड स्कैनर के रूप में भी किया जा सकता है।

2009 में आया था Goggles

Google ने साल 2009 में Goggles की शुरुआत की थी। लेकिन कुछ सालों बाद इसे update करना छोड़ दिया, जिससे कि इसका इस्तेमाल लगभग न के बराबर ही होता था। फिलहाल कंपनी अब इसे दोबारा एक बड़े पैमाने पर ला रही है। इसे camera app के साथ जोड़ा है, ताकि सभी एंड्रायल यूजर्स के फोन में यह सुविधा मुहैया कराई जा सके।

हालांकि Google Goggles से तस्वीर खींचकर सर्च करने पर कई चीजें एक साथ आ जाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें एक नया फीचर जोड़ा गया है, जिससे मनचाही चीज के चारो तरफ घेरा बनाकर उससे संबंधित जानकारी सर्च की जा सकती है।

Google camera apps को यहाँ से download करे।

Google Goggles apps को यहाँ से download करे ।

Google के बारे मोर पढ़े यहाँ से।

INtex.....

Google ने अमेरिका में Google Fiber नाम से शुरू की लैंडलाइन टेलीफोन सर्विस

Google Internet आज पूरी दुनिया में छाया पड़ा है। ऐसे में अब Google कंपनी टेलीफोनिक सेवाओं के क्षेत्र में भी उतर चुकी है। कंपनी ने हाल ही में अमेरिका में अपनी घरेलू टेलीफोन सेवाएं लॉन्च की है। कंपनी ने इस सर्विस का नाम Google Fiber रखा है। कंपनी की यह सर्विस अनलिमिटेड डोमेस्टिक कॉलिंग नाम से भी जानी जा रही है।

Mobile पर सूचना मिलेगी

                           Google ने कल मंगलवार को टेलीफोन की दुनिया में भी कदम रख दिया है। कंपनी ने अमेरिका के कुछ शहरों से इसकी शुरूआत की है। वहां ऑस्टिन, कन्सास सिटी, और प्रोवो में यह सर्विस शुरू हो चुकी है। जिसमें उसने Fiber फोन नाम से यह सेवा शुरू की है। ऐसे में कंपनी के Google Fiber  ऑपरेशन के तहत यह तकनीक फोन पर काफी अच्छे से काम करेंगे।

यह क्लाउड सेवा ऐसी है कि जब यूजर्स घर पर मौजूद होगा तो उसके लैंड लाइन पर रिंग करेगा और जब बाहर होगा तो उसके मोबाइल पर सूचना देगा। इसके अलावा यह सर्विस Tablet, Computer पर काम करेगी।

यह सर्विस call waiting, call identification , unlimited call की सुविधा देती है। इसके साथ ही यह  नेशनवाइड कॉलिंग और 10 डॉलर प्रति माह के शुल्क पर 911 सेवाएं ग्राहकों को देगी। जो कि एक आम बजट में गिनी जाएगी।

Tax Message And Email सर्विस

                               इसमें लैंडलाइन जैसी मूलभूत सुविधाएं भी शामिल होंगी। इसके आलवा इसमें यूजर्स voice mail, tax message and email जैसी सर्विस का लाभ भी उठा सकेंगे।

वहीं सूत्रों की माने तो अब Google अपनी इस सर्विस को हंट्सविले साल्ट लेक सिटी,नैशविले, शेर्लोट, अटलांटा और रैलीग-दुरहाम समेत कई जगहों पर  शुरू करने की तैयारी में हैं। इसकी रूपरेखा लगभग तैयार हो चुकी है।  वह इस सर्विस को एक विस्तृत रूप देना चाहती है।

वहीं इस सर्विस के संबंध में कंपनी का कहना है कि उसकी ये लैंडलाइन सेवा Google fiber ultra fast internet के उपयोग से संबंधित है। यह आज के दौर में यूजर्स को काफी पसंद आएगी। यह हर एज के यूजर्स के लिए बेनिफिशयल साबित होगी।

पढ़े Google न्यूज़ और पराप्त करे और जानकारिया

बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

घर बैठे, खेल खेल में लाखों कमाने का मौका

खेल खेल में कमाने का मौका

आप खेल खेल में लाखों रुपए कमा सकते हैं। इसके लिए आपको अपने घर से निकलने की भी जरूरत नहीं होगी। आपको यक़ीन भले न आ रहा हो, मगर ये बात सौ फ़ीसदी सच है।

दुनिया भर में हज़ारों लोग, खेल-खेल में करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। कुछ ऐसी है कम्प्यूटर गेम्स की दुनिया।अब यूक्रेन के रहने वाले अलेक्सी क्रुपनिक को ही लीजिए। उन्हें बचपन से ही कम्प्यूटर गेम्स का शौक़ था। और आज वो इस शौक़ की वजह से लाखों कमा रहे हैं।

नब्बे के दशक में, अपने बचपन में क्रुपनिक, ख़ाली वक़्त में कंप्यूटर गेम्स खेलते थे। ख़ुद का कंप्यूटर था नहीं, सो, क्लब में जाकर खेलते थे। जल्दी ही इसमें उन्हें महारत हासिल हो गई।और साल 2003 में 23 बरस साल की उम्र में क्रुपनिक ने पहला बड़ा ई स्पोर्टिंग टूर्नामेंट जीता। इसमें उन्हें इनाम में लैपटॉप मिला। जिसकी क़ीमत थी 1430 डॉलर या क़रीब आज के 97 हज़ार रुपए। क्रुपनिक के लिएये बहुत बड़ी रक़म थी। जिससे उस वक़्त यूक्रेन में कार ख़रीदी जा सकती थी।

सो उन्होंने फ़ौरन लैपटॉप बेच डाला।जल्द ही वो पैसे के लिए गेम खेलने लगे थे। साल 2011 आते-आते क्रुपनिक, वर्चुअल दुनिया के खलनायकों को मारकर लाखों रुपए कमा रहे थे। हर टूर्नामेंट से क़रीब 23 लाख रुपए। इसके अलावा क़रीब सवा लाख रुपए हर महीने वो अपने स्पॉन्सर्स से कमा लेते थे।

बढ़ा रहा कारोबारई स्पोर्ट्स की दुनिया पर नज़र रखने वाले कहते हैं कि आज कंप्यूटर गेम्स में बहुत पैसा आ गया है। टूर्नामेंट जीतने पर मिलने वाली इनाम की रक़म अब करोड़ों में होती है।इसके अलावा ई-गेम्स खेलने वालों को स्पॉन्सरशिप से भी काफ़ी कमाई होती है।

ई-स्पोर्ट्स के आंकड़े बताते हैं कि कंप्यूटर गेम्स के चार टॉप खिलाड़ियों ने पिछले साल यानी 2015 में क़रीब 12 करोड़ रुपए कमाए। जबकि दूसरे छोटे खिलाड़ियों की कमाई भी लाखों में थी।

ई-स्पोर्ट्स की दुनिया पर नज़र रखने वाली न्यूयॉर्क की संस्था, सुपर डेटा रिसर्च के मुताबिक़, आज कंप्यूटर गेम्स का कारोबार क़रीब 5,000 करोड़ रुपयों का हो चुका है।

अगले दो सालों में यानी साल 2018 के अंत तक इसके 1.9 बिलियन डॉलर यानी क़रीब 130 अरब रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।

2013 में ऑनलाइन या टीवी पर कंप्यूटर गेम्सदेखने वालों की संख्या जहां सात-सवा सात करोड़ थी। वहीं पिछले साल, दुनिया भर में, कंप्यूटर गेम्स के दर्शकों की तादाद क़रीब 19 करोड़ तक जा पहुंची गई।

वैसे फ़ुटबॉल या बास्केटबॉल जैसे खेलों के मुक़ाबले ये पैसाया इतने दर्शक बहुत कम हैं। मगर, ये सुनहरे भविष्य की ओर इशारा ज़रूर करते हैं।

कंप्यूटर गेम्स के फैलते बाज़ार की कई वजहें हैं। दिनों-दिन वर्चुअल गेम्स खेलने वालों की तादाद बढ़ रही है। लोग इंटरनेट पर एक दूसरे से मुक़ाबला कर सकते हैं।

ई-स्पोर्ट्स में शामिल होने वाले ज़्यादातर युवा होते हैं। और ऐसे ग्राहकों को तलाशने वाली कंपनियां, ई-स्पोर्ट्स को बढ़-चढ़कर स्पॉन्सर कर रही हैं।

सुपर डेटा रिसर्च के प्रमुख जूस्ट वान ड्रयूनेन बताते हैं कि पिछले साल, दुनिया भर में क़रीब 114 अरब डॉलर यानी कि लगभग 7800 अरब रुपए के कंप्यूटर गेम्स बेचे गए। अब आप इसी से कंप्यूटर गेम्स में आने वाली रक़म का अंदाज़ा लगा सकते हैं।

आज दुनिया में कंप्यूटर गेम्स खेलने वाले सैकड़ों ऐसे लोग हैं जो ख़ुद को प्रोफ़ेशनल खिलाड़ी मानते हैं। आने वाले वक़्त में ये तादाद और बढ़ने ही वाली है।हालांकि कंप्यूटर गेम्स से धुआंधार कमाई करने वालों की संख्या अभी कम ही है।

ज़्यादातर खिलाड़ी अभी भी लाखों की कमाई वाली कैटेगरी में ही आते हैं। ई-स्पोर्ट्स अर्निंग नाम की वेबसाइट, ऐसे खिलाड़ियों का हिसाब-किताब रखती है।उसमें रजिस्टर्ड 500 में से 300 खिलाड़ियों ने 2015 में टूर्नामेंट जीतकर औसतन सिर्फ़ 50 हज़ार डॉलर यानी क़रीब 34 लाख रुपए कमाए।

हालांकि इस बात की पूरी उम्मीद है कि जैसे जैसे गेमिंग की दुनिया कादायरा बढ़ेगा, इसके खिलाड़ियों की आमदनी बढ़ेगी।

जबरदस्त प्रैक्टिस और तेज दिमागलेकिन, कंप्यूटर गेम्स का प्रोफ़ेशनल खिलाड़ी बनना इतना आसान भी नहीं।

अपने बेडरूम या लिविंग रूम में कंप्यूटर गेम्स खेलना और बात है। लेकिन, ई-स्पोर्ट्स का बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए ज़बरदस्त प्रैक्टिस और तेज़ दिमाग़ की ज़रूरत होती है।

कंप्यूटर गेम्स खेलने वाले आम लोग जहां एक मिनट में क़रीब 100 कमांड देते हैं। वहीं, प्रोफ़ेशनल खिलाड़ी एक मिनट में 350 से 500 कमांड देते हैं।

लीग ऑफ़ लीजेंड्स, स्टारक्राफ्ट टू, डोटा टू जैसे बड़े ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स में जीत के लिए, तेज़ दिमाग़, प्रैक्टिस और लगन की ज़रूरत होती है।

जानकार कहते हैं कि ई-स्पोर्ट्स, हाई स्पीड में चेस खेलने जैसा है। या फिर आइस हॉकी और चेस का मिला-जुला रूप भी कहा जा सकता है। आपको लगातार अपने विरोधी की हरकत पर नज़र रखनी होती है और तुरंत उसका तोड़ खोजकर जवाबदेना होता है।

इस खेल में कमाई का एक ही तरीक़ा है। बस जीतते जाओ। जितना जीतोगे, जेब में उतने पैसे आएंगे। अब यूक्रेन के क्रुपनिक को ही लीजिए। घर पर कंप्यूटर नहीं था, सो वो एक कंप्यूटर क्लब जाने लगे।वहां जीतने लगे तो दो क्लबों के मुक़ाबले में शामिल होने लगे।

जीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो वो स्टारक्राफ्ट ब्रूडवार जैसे ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में शामिल हुए और जीत हासिल की। बाद में वो ऑनलाइन गेम्स खेलने लगे और कंप्यूटर गेम्स के गढ़ दक्षिण कोरिया के कई महारथियों को भी मात दे दी।

हालांकि, टॉप का खिलाड़ी बनने का सबसे अच्छा तरीक़ा ये है कि आप किसी बड़ी टीम का हिस्सा बन जाएं। टीम में रहने का फ़ायदा ये होता है कि स्पॉन्सर ख़ुद अच्छे खिलाड़ियों को तलाशते हैं और फिर उन्हें दुनिया भर में होने वाले टूर्नामेंट में खेलने का मौक़ा देते हैं, वो भी अपने ख़र्चे पर।

क्रुपनिक ने 2004 में जब पहली स्पॉन्सरशिप डील की थी, वो महीने में महज़ सौ डॉलर कमा रहेथे। लेकिन, जल्द ही उन्होंने दूसरी टीम ज्वाइन कर ली और सिर्फ़ स्पॉन्सरशिप से वो सालाना 24 हज़ार डॉलर कमाने लगे। टूर्नामेंट जीतने की रक़म जो मिलती थी, वो अलग।

ई-स्पोर्ट्स की सबसे खास बातई-स्पोर्ट्स की सबसे ख़ास बात ये है कि ये पूरी दुनिया में खेला जा सकता है। आप अपने घर में बैठे-बैठे दुनिया के किसी भी टूर्नामेंट में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि आज भी दक्षिण कोरिया, कंप्यूटर गेम्स का गढ़ है।मगर अमरीका, यूरोप और एशिया के दूसरे देशों में ये खेल तेज़ी से फैल रहा है। एशिया में साल 2015 में ई-स्पोर्ट्स में 312 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 2200 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जो अमरीका में हुए इन्वेस्टमेंट से क़रीब सौ मिलियन डॉलर या इसके एक तिहाई से ज़्यादा था।

हालांकि ई-स्पोर्ट्स की दुनिया की एक कमी भीहै। इसे ज़िंदगी भर के लिए करियर नहीं बनायाजा सकता। ये युवाओं के बीच ही लोकप्रिय है। और कंप्यूटर गेम्स में जिस तेज़ी की ज़रूरत होती है, उस पर युवा ही खरे उतर सकते हैं।

इसमें कंप्यूटर गेम्स की लोकप्रियता भी बड़ी तेज़ी से बदलती है। मान लिया कि आप किसी गेम के उस्ताद बन गए, मगर उसका बाज़ार ही ख़त्म हो गया। तो, आपकी आमदनी में भारी गिरावट आ जाएगी। बढ़ती उम्र के साथ, परिवार की ज़िम्मेदारियां आती हैं। तब आप खेल को उतना वक़्त नहीं दे पाएंगे, जितने की ज़रूरत है। अब क्रुपनिक को ही ले लीजिए, जब से पिता बने हैं, खेलना कम कर दिया है।

लेकिन, अच्छी बात ये है कि ई-स्पोर्ट्स की दुनिया में ही दूसरे मौक़े भी सामने आए हैं।ख़ुद क्रुपनिक एक ऑनलाइन गेमिंग टीवी चैनल में मैनेजर हैं। वैसे ही जर्मन कंपनी टर्टल एंटरटेनमेंट में आज की तारीख़ में 400 लोग काम करते हैं। कंपनी को 40 और लोगों की ज़रूरत है।

इसमें ई-खिलाड़ियों से लेकर, टीवी शो होस्ट, मार्केटिंग, प्रोडक्शन और हिसाब-किताब देखने वाले तक शामिल हैं। यानी कंप्यूटर गेम्स न भी खेलें, तो यहां रोज़गार के तमाम मौक़े हैं।फिर क्या है...आप भी शुरू हो जाइए...देर किस बात की है।

Amarujala........

'5 सेकेंड से भी कम समय में पूरी Movie Download'

यह है internet की 5G speed मौजूदा internet की speed से 100 गुना ज्यादा तेज। इतना तेज कि महज पांच सेकेंड से भी कम समय में एक पूरी movie ही download हो जाएगी।

यह है internet की 5G speed

भले ही internet की 4G स्पीड अभी दुनिया के सभी हिस्सों में न पहुंची हो, लेकिन internet को और फास्ट बनाने के लिए 5G तकनीक पर काम शुरू हो गया है।

दुनिया की प्रतिष्ठित टेक कंपनियों ने इसका परीक्षण भी शुरू कर दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2018 तक internet को 5G स्पीड मिल जाएगी।

मौजूदा स्पीड से सौ गुना होगी तेज

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के कैंपस में सैमसंग और फुजित्सु जैसी टेक कंपनियां 5G तकनीक तैयार करने में जुटी हुई हैं।

यहां 5G को तैयार करने में जुटे शोधकर्ताओं का कहना है कि 2018 तक यह तकनीक सार्वजनिक उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी।

इस तकनीक के जरिये घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और स्वचालित कारों को भी जोड़ा जा सकेगा। 5G तकनीक को तैयार करने में चीन, अमेरिका और स्वीडन जैसे देश की प्रतिष्ठित कंपनियां भी अरबों रुपये लगा रही हैं।

एटीएंडट, जापान की डोकोमो और एरिकसन जैसी कंपनियां जल्द से जल्द 5G तकनीक तैयार कर लेना चाहती हैं और इसे सबसे पहले तैयार करने का श्रेय हासिल करना चाहती हैं।

5G के लिए तैयार करने होंगे वैश्विक मानक

भले ही कंपनियां 2018 तक 5G तकनीक तैयार कर लें, लेकिन इसके लिए वैश्विक मानक तैयार करने में समय लग सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक 2019 से पहले वैश्विक मानक तैयार होना संभव नहीं लग रहा, ऐसे में इसका सार्वजनिक इस्तेमाल इसके बाद ही हो सकेगा। वैश्विक मानकों के जरिये दुनियाभर की कंपनियां तकनीक के इस्तेमाल केलिए करार करती हैं।

Amarujala.......

अब डस्टबिन से निकलेगा Free WiFi, बस कूड़ा फेंकने की देर

कूड़ा फेंकने पर गजब का ईनाम

भारत में स्वच्छता को लेकर कई अभियान चलाए जाते हैं। लोगों से कूड़ा कूड़ेदान में ही डालने को कहा जाता है। कुछ पर इस बात का असर पड़ता है तो कुछ ये सोच कर छोड़ देते हैं कि 'क्या फर्क पड़ता है'।

लेकिन अब फर्क पड़ेगा और आपका फायदा भी होगा।मुंबई के दो व्यापारियों पर कूड़े और गंदगी का ऐसा असर पड़ा कि कूड़े के बदले फ्री WiFi देने वाली डस्टबिन ही बना डाली।

नई कंपनी थिंकस्क्रीम के फाउंडर राज देसाई का कहना है कि भारत में लोगों को नियम तोड़ने का शौक है और इसी बात से तंग आ कर उन्हें ये आइडिया सूझा। राज और उनके साथी प्रतीक अग्रवाल ने सोचा कि क्यों न लोगों को कूड़ा सही जगह फेंकने पर ईनाम दिया जाए।

Amarujala में छपी खबर के मुताबिक थिंकस्क्रीमने ये प्लास्टिक डस्टबिन बनाया है। ये साढ़े चार फीट ऊंचा है और इसमें एक LED Screen भी लगी है।जैसे ही इसमें कोई कूड़ा फेंकता है, स्क्रीन पर एक खास कोड दिखता है जिसके जरिए 15 मिनट तक मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ये 50 मीटर के दायरे में काम करेगा औऱ इस कूड़ेदान की कीमत 1 लाख करीब है।

थिंकस्क्रीम ने एक स्थानीय टेलीकॉम कंपनी के साथ साझेदारी करके इस तरह की 6 डस्टबिन बनाईं और 2014 के संगीत फेस्टिवल में लगा कर इसकी शुरुआत की।यह प्रोडक्ट मुबंई के 60 सिनेमाघरों में भी लगाया गया है ताकि लोग अपनी सीट पर बैठ कर हीखाना ऑर्डर कर सकें। इन्होंने कई म्यूजिक फेस्टिवल आयोजकों से भी बात की है ताकि इन समारोह में लोगों को आसानी से वाई-फाई मिल सके।

तो इस तरह मिला कूड़ादान बनाने का आईडिया

राज ने बताया कि उन्हें स्मार्ट डस्टबिन बनाने का आईडिया पहली बार बैंगलोर संगीत फेस्टीवल 2013 में आया। वो बताते हैं,''इतनी भीड़ में मैं और प्रतीक खो गए थे और एक दूसरेसे अलग हो गए थे उसी वक्त हमें अहसास हुआ कि कुछ ऐसा बनाने की जरूरत है जिससे लोग इस तरह के समारोह में आपस में जुड़े रहें।''

बस इसी तरह प्रतीक और राज ने ऐसा कूड़ादान बनाया जिसमें कूड़ा फेंकते ही लोगों को 15 मिनट का मुफ्त WiFi मिलेगा।

आगे इनका प्लान है कि screen पर किसी सेलेब्रिटी की शक्ल दिखाने का। जब तक आप कूड़ा नहीं फेकेंगे उनकी शक्ल गुस्से में रहेगी औऱ कुड़ा फेंकते ही वे मुस्कुरा देंगे।राज औऱ प्रतीक को उम्मीद है कि इस तरह लोगों में बदलाव आएगा और वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। वे चाहते हैं कि जल्द ही पूरे देश में उनका ये उत्पाद लग सके और सफाई बनाई रखी जा सके।

Amarujala..............